प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक पहल

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS): युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक पहल

भारत के युवाओं के लिए करियर की दिशा तय करना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना आज के समय की महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) की शुरुआत की है। यह योजना न केवल युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि उन्हें विभिन्न कंपनियों और उद्योगों में बेहतर करियर के अवसर भी उपलब्ध कराती है।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के अंतर्गत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देशभर के युवाओं को उद्योगों और विभिन्न कार्यक्षेत्रों में 12 महीने तक इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। इस योजना का लक्ष्य 5 वर्षों में भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का है। इसके माध्यम से युवा वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल का अनुभव प्राप्त करेंगे, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी और वे उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को ढाल सकेंगे।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

1. इंटर्नशिप की अवधि:

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप की अवधि 12 महीने होगी। इस दौरान, इंटर्न को कम से कम आधा समय वास्तविक कार्य अनुभव प्राप्त करना होगा। यह इंटर्नशिप उम्मीदवारों को नौकरी के वास्तविक माहौल से परिचित कराएगी, जिससे वे उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकसित कर सकेंगे।

2. पात्रता मानदंड:

इस योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:

  • आयु सीमा: 21 से 24 वर्ष के बीच के युवा, जो पूर्णकालिक शिक्षा या रोजगार में नहीं हैं, वे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • शैक्षिक योग्यता: उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी) पास, आईटीआई, पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा, या स्नातक डिग्री (बीए, बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए) धारक युवा इस योजना के लिए पात्र होंगे।
  • अन्य योग्यताएं: उम्मीदवार का परिवार किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत 8 लाख रुपये से अधिक की आय प्राप्त नहीं करता होना चाहिए। साथ ही, परिवार का कोई भी सदस्य स्थायी सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।

3. कंपनियों के लिए मानदंड:

इस योजना के लिए कंपनियों का चयन उनके पिछले तीन वर्षों के औसत CSR व्यय के आधार पर किया गया है। अगर कोई कंपनी इस योजना में सीधे भाग नहीं ले सकती है, तो वह अपने समूह की अन्य कंपनियों या सप्लाई चेन (ग्राहक/विक्रेता) के साथ भागीदारी कर सकती है।

4. वित्तीय सहायता और लाभ:

यह योजना सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से इंटर्न को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इंटर्नशिप के दौरान प्रत्येक इंटर्न को 5,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिसमें से 500 रुपये कंपनी द्वारा और शेष 4,500 रुपये सरकार द्वारा इंटर्न के आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा किए जाएंगे। इसके अलावा, इंटर्न को कार्यभार ग्रहण करने के बाद आकस्मिक व्यय के लिए 6,000 रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि दी जाएगी। सरकार इंटर्न के लिए बीमा कवरेज भी प्रदान करेगी।

5. इंटर्नशिप के दौरान और बाद में नियम:

  • इंटर्नशिप के दौरान इंटर्न का प्रदर्शन और आचरण लगातार मॉनिटर किया जाएगा।
  • इंटर्नशिप के समापन पर, कंपनी द्वारा इंटर्न को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
  • इंटर्नशिप के दौरान अनुशासन का पालन करना आवश्यक होगा, और किसी भी प्रकार की अनुपस्थिति या अनुचित व्यवहार पर इंटर्नशिप समाप्त की जा सकती है।

6. इंटर्नशिप का प्रबंधन और मॉनिटरिंग:

इस योजना का प्रबंधन और मॉनिटरिंग एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इस पोर्टल पर इंटर्नशिप के अवसर, पंजीकरण प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया और अन्य सभी कार्य किए जाएंगे। कंपनियां इस पोर्टल के माध्यम से अपने इंटर्नशिप अवसर पोस्ट करेंगी और उम्मीदवारों को चयनित करेंगी। उम्मीदवार पोर्टल पर पांच इंटर्नशिप अवसरों के लिए आवेदन कर सकेंगे और उनके चयन के बाद कंपनियों के साथ इंटर्नशिप करेंगे।

7. शिकायत निवारण तंत्र:

इस योजना में एक शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित किया गया है, ताकि इंटर्न या कंपनियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। सभी हितधारक पोर्टल पर अपने प्रश्न या शिकायतें दर्ज कर सकते हैं, और समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारत की 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, ऑटोमोबाइल, और स्वास्थ्य सेवाओं में इंटर्नशिप के अवसर मिलते हैं।

योजना का उद्देश्य युवाओं को उनके करियर के प्रारंभिक चरण में ही उद्योग जगत के वास्तविक माहौल से परिचित कराना है। इंटर्नशिप के दौरान प्राप्त कौशल और अनुभव उनके रोजगार की संभावनाओं को मजबूत बनाते हैं और उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

1. इंटर्नशिप क्यों आवश्यक है?

इंटर्नशिप एक ऐसा अवसर है, जो उम्मीदवारों को अकादमिक शिक्षा और वास्तविक जीवन के कामकाजी वातावरण के बीच की खाई को पाटने में मदद करता है। इसके माध्यम से उम्मीदवार न केवल अपने कौशल का विकास कर सकते हैं, बल्कि कार्यस्थल के अनुशासन, कार्यप्रणाली और टीम वर्क की भी गहन समझ प्राप्त कर सकते हैं​।

इंटर्नशिप के लाभों में शामिल हैं:

  • व्यावहारिक अनुभव: इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवारों को विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने का अवसर मिलता है, जो उनके अनुभव को और अधिक समृद्ध करता है।
  • कौशल विकास: इंटर्नशिप के दौरान सीखे गए नए कौशल उनके करियर को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • नेटवर्किंग: इंटर्नशिप के माध्यम से उम्मीदवारों को उद्योग के पेशेवरों से जुड़ने और उनके अनुभव से सीखने का अवसर मिलता है।

2. प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत मिलने वाले अवसर क्या-क्या हैं?

इस योजना के तहत, योग्य उम्मीदवारों को आईटी, बैंकिंग, तेल एवं गैस, एफएमसीजी, दूरसंचार, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा और आतिथ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इंटर्नशिप के अवसर मिलते हैं​। इन क्षेत्रों में उम्मीदवारों को उनके कौशल के अनुसार विभिन्न भूमिकाओं में काम करने का मौका मिलता है।

3. इंटर्नशिप की अवधि और प्रक्रिया क्या है?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप की अवधि 12 महीने निर्धारित की गई है। इस दौरान उम्मीदवारों को कम से कम 6 महीने वास्तविक कार्य अनुभव के लिए कार्यस्थल पर रहना अनिवार्य होता है। शेष अवधि में उन्हें संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे वे अपने कौशल को और अधिक विकसित कर सकें​।

4. इसकी चयन प्रक्रिया के बारे में बताएं

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्न का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों की प्राथमिकताओं और कंपनियों की आवश्यकताओं के आधार पर उम्मीदवारों की सूची बनाई जाती है​। कंपनियां इन उम्मीदवारों का चयन करती हैं और उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इंटर्नशिप के लिए नियुक्त करती हैं।

5. इसका पात्रता मापदंड क्या है?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कुछ विशेष पात्रता मापदंडों को पूरा करना होता है:

  • उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  • उसकी आयु 21 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार पूर्णकालिक शिक्षा या रोजगार में संलग्न नहीं होना चाहिए​।

इसके अलावा, उम्मीदवार के पास माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। कुछ विशेष क्षेत्रों में उम्मीदवारों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा, या स्नातक की डिग्री भी होनी आवश्यक है।

6. इसके तहत क्या-क्या वित्तीय सहायता मिलेगी?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को 12 महीने की अवधि के लिए 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है​। इस राशि में से 500 रुपये कंपनी द्वारा और 4,500 रुपये भारत सरकार द्वारा सीधे उम्मीदवार के बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इंटर्नशिप के सफल समापन के बाद 6,000 रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि भी प्रदान की जाती है​।

7. इंटर्नशिप के बाद करियर की संबंधी क्या संभावनाएं हैं?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों को उद्योग जगत के साथ जोड़ना और उन्हें रोजगार योग्य बनाना है। हालांकि, यह योजना इंटर्नशिप के बाद नौकरी की गारंटी नहीं देती है, लेकिन उम्मीदवारों के द्वारा इंटर्नशिप के दौरान विकसित किए गए कौशल और अनुभव उनकी रोजगार क्षमता को कई गुना बढ़ा देते हैं​। कई कंपनियां उन उम्मीदवारों को नौकरी के अवसर प्रदान करती हैं जो इंटर्नशिप के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।

8. इंटर्नशिप के दौरान अनुशासन और जिम्मेदारियां क्या-क्या है?

इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवारों से अपेक्षा की जाती है कि वे कंपनी के अनुशासन और नियमों का पालन करें। इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवारों को अपने कार्यस्थल पर पेशेवर तरीके से व्यवहार करना होता है और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहना चाहिए। कंपनियों की ड्रेस कोड नीति का पालन करना भी आवश्यक है​।

9. इंटर्नशिप के दौरान अवकाश और अन्य सुविधाएँ क्या-क्या मिलेंगी?

इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवारों को कंपनी की नीति के अनुसार अवकाश लेने की अनुमति होती है। यदि किसी आपात स्थिति में उम्मीदवार को अवकाश लेना आवश्यक हो, तो वह अपने पर्यवेक्षक से परामर्श कर सकता है। हालांकि, अवकाश की अवधि दो महीने से अधिक होने पर इंटर्नशिप समाप्त मानी जाएगी​।

10. इंटर्नशिप प्रमाणपत्र कब मिलेगा?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत सफलतापूर्वक इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, उम्मीदवार को इंटर्नशिप का प्रमाणपत्र प्राप्त होता है। यह प्रमाणपत्र उसके भविष्य के करियर में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में काम करता है​।

11. योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है। पंजीकरण के बाद, उम्मीदवार अपनी प्रोफाइल को पूरा करता है, अपना सीवी अपलोड करता है, और उपलब्ध अवसरों की सूची में से अपनी प्राथमिकताएं चुनता है।

यह योजना युवाओं के करियर को सही दिशा देने और उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और विभिन्न उद्योगों के बीच इस सहयोगात्मक प्रयास से देश के युवा अपनी प्रतिभा और कौशल का सही उपयोग कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना न केवल युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। इस योजना के माध्यम से उम्मीदवारों को विभिन्न उद्योगों में काम करने का अनुभव मिलता है, जो उनके करियर के विकास में सहायक होता है। यह योजना सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी योगदान देती है।

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